Kisan Pathshala: इस राज्य में किसानों को मिलेगा तरीका का मंत्र, 17 हजार ग्राम पंचायतों में चलेगी किसान पाठशाला
Kisan Pathshala: योगी सरकार ट्रेनिंग देने के लिए 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' संचालित कर रही है. इस साल 17,000 ग्राम पंचायतों किसान पाठशाला (Kisan Pathshala) का आयोजन होगा.
इस पर सरकार करीब 21 करोड़ रुपये खर्च करेगी. (Image- Freepik)
इस पर सरकार करीब 21 करोड़ रुपये खर्च करेगी. (Image- Freepik)
Kisan Pathshala: उत्तर प्रदेश में खेती किसानी को बढ़ावा देने के लिए और किसानों (Farmers) को आधुनिकता के साथ नई खेती पर सरकार फोकस कर रही है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ट्रेनिंग देने के लिए 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' संचालित कर रही है. इस साल 17,000 ग्राम पंचायतों किसान पाठशाला (Kisan Pathshala) का आयोजन होगा.
इस बाबत बहुत पहले लैब टू लैंड का नारा दिया गया था. यह नारा आज भी उतना ही प्रासंगिक है. इस नारे को पहली बार योगी सरकार ने 'द मिलियन फार्मर्स स्कूल' के जरिए साकार किया. इस सिलसिले को जारी रखते हुए सरकार ने खरीफ (Kharif) के मौजूदा और रबी (Rabi) के आगामी सीजन में प्रदेश के 17 हजार ग्राम पंचायतों में किसान पाठशाला (Kisan Pathshala) आयोजित करने का फैसला लिया है. इस पर सरकार करीब 21 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
ये भी पढ़ें- PM Kisan लाभार्थी ध्यान दें! 'Know Your Status' से पता करें14वीं किस्त के ₹2000 मिलेंगे या नहीं
किसान रहेंगे अपडेट
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
Adani Group की रेटिंग पर Moody's का बड़ा बयान; US कोर्ट के फैसले के बाद पड़ेगा निगेटिव असर, क्या करें निवेशक?
टूटते बाजार में Navratna PSU के लिए आई गुड न्यूज, ₹202 करोड़ का मिला ऑर्डर, सालभर में दिया 96% रिटर्न
खेती किसानी के जानकार गिरीश पांडेय ने बताया कि हर क्षेत्र में बेहतरी के बाबत सतत जागरूकता सबसे जरूरी है. इसी जागरूकता से पता चलता है कि किसी क्षेत्र में देश-दुनिया में क्या चल रहा है. और तुलनात्मक रूप से हम कहां हैं? खेतीबाड़ी की बेहतरी और किसानों की खुशहाली के लिए भी जरूरी है कि इससे जुड़ें संस्थानों में क्या अपडेट हो रहा है, यह किसान जानें. इन संस्थानों में जो शोध कार्य हो रहे हैं वह प्रगतिशील किसानों के जरिये आम किसानों तक कैसे पहुचे, इसके लिए किसान पाठशाला का प्रशिक्षण लगातार चल रहा है.
उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
कृषि विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सामयिक फसलों के लिए खेत की तैयारी से लेकर उन्नत प्रजाति के बीज, बीज शोधन, बोआई का समय, खाद-पानी और समय-समय पर फसल संरक्षण के उपायों की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा दी जाएगी. यही नहीं, 'अंतराष्ट्रीय मिलेट ईयर 2023' के मद्देनजर इस बार मोटे अनाजों की खेती पर भी जोर होगा. अलग-अलग फसलों का जिलेवार प्रति हेक्टेयर, प्रति कुंतल अधिकतम और न्यूनतम उत्पादन का पता लगाने के बाद इन किसान पाठशालाओं (Kisan Pathshala) के जरिए न्यूनतम उत्पादन वाले जिलों में संभव कोशिश करके उत्पादन बढ़ाने पर भी फोकस करेगी.
ये भी पढ़ें- नौकरी छोड़ शुरू की परवल की खेती, अब एक साल में हो रहा ₹14 लाख का मुनाफा
बता दें कि लैब टू लैंड नारे को साकार करने के लिए पहले कार्यकाल में 2017-2018 में रबी के सीजन में योगी सरकार ने द मिलियन फार्मर्स स्कूल (किसान पाठशाला) के नाम से एक अभिनव प्रयोग किया था. हर रबी और खरीफ के सीजन में न्याय पंचायत स्तर पर अलग-अलग विषय के विशेषज्ञ किसानों को सीजनल फसल की उन्नत प्रजातियों, खेत की तैयारी, बोआई का सही समय और तरीका और समय-समय पर फसल संरक्षण के उपायों की जानकारी देते हैं.
ये भी पढ़ें- सरकारी मदद से शुरू करें मछली पालन, हर महीने कमाएं लाखों
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
06:00 PM IST